BY- FIRE TIMES TEAM
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को केंद्र द्वारा देशव्यापी लॉक डाउन के बीच विशेष ट्रेनों को घर तक पहुंचाने के लिए प्रवासी मजदूरों से शुल्क लेने के फैसले की आलोचना की और कहा कि उनकी पार्टी (कोंग्रेस) अब ट्रेन यात्रा के लिए भुगतान करेगी।
गांधी ने एक बयान में कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रत्येक राज्य कांग्रेस कमेटी प्रत्येक जरूरतमंद श्रमिक और प्रवासी मजदूर की रेल यात्रा खर्चा उठाएगी।”
उन्होंने कहा, “यह हमारे हमवतन लोगों की सेवा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विनम्र योगदान होगा और उनके साथ एकजुटता से कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा।”
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा राज्य सरकारों के अनुरोध पर चलाई जाने वाली श्रमिक विशेष ट्रेनों में अपने गृह प्रदेश लौटने के लिए प्रवासी मजदूरों से 50 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगाने का निर्णय किया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मजदूर और प्रवासी श्रमिक भारत की अर्थव्यवस्था की “रीढ़” हैं, सरकार के द्वारा चार घंटे के नोटिस पर लॉक डाउन की घोषणा के कारण उन्हें सबसे अधिक परेशानी हुई है।
उन्होंने कहा, “1947 के विभाजन के बाद, यह पहली बार है जब भारत ने इतने बड़े पैमाने पर त्रासदी देखी, क्योंकि हजारों प्रवासी श्रमिकों और मजदूरों को कई सौ किलोमीटर पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ा वो भी बिना भोजन, बिना दवा, बिना पैसे के।”
कांग्रेस अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी का बयान
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी। pic.twitter.com/DWo3VZtns0
— Congress (@INCIndia) May 4, 2020
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह विशेष रूप से परेशान करने वाली स्थिति है कि केंद्र और रेल मंत्रालय ने प्रवासियों से संकट के दौरान ट्रेन का किराया लेने का फैसला किया है।
राज्यों के बीच संचालित होने वाली विशेष ट्रेनों में स्लीपर क्लास का किराये के साथ प्रति यात्री 50 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा।
सोनिया गांधी ने कहा, “हमारे कार्यकर्ता और मजदूर हमारे राष्ट्र के विकास के राजदूत हैं।”
उन्होंने कहा, “जब हमारी सरकार विदेश में फंसे हमारे नागरिकों के लिए मुफ्त हवाई यात्रा की व्यवस्था करके अपनी जिम्मेदारी निभा सकती है, जब सरकार गुजरात में सिर्फ एक सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए परिवहन और भोजन आदि पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है, जब रेल मंत्रालय के पास दान करने के लिए 151 करोड़ रुपये हैं, तो हमारे राष्ट्र के इन आवश्यक सदस्यों के लिए इस महामारी के समय मुफ्त रेल यात्रा क्यों नहीं दी जा रही?”
शुक्रवार को, केंद्र ने प्रवासियों को स्थानांतरित करने के लिए विशेष ट्रेनों का संचालन शुरू किया है।
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