BY – FIRE TIMES TEAM
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता लगातार पार्टी का साथ छोड़कर दूसरी पार्टियों का दामन थाम रहे हैं।
पार्टी अपने बागियों को नहीं रोक पा रही है। पार्टी के अंदर बगावत के सुर लगातार तेज हो रहे हैं। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पार्टी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके से काफी नाराज हैं।
इसी बीच प्रशांत किशोर ने भाजपा को लेकर एक बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि भाजपा राज्य में दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाएगी।
For all the hype AMPLIFIED by a section of supportive media, in reality BJP will struggle to CROSS DOUBLE DIGITS in #WestBengal
PS: Please save this tweet and if BJP does any better I must quit this space!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 21, 2020
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने उनपर पलटवार किया है। भाजपा नेता का कहना है कि चुनाव के बाद देश को एक चुनाव रणनीतिकार खोना पड़ेगा।
प्रशांत किशोर ने सोमवार को ट्वीट करके कहा कि मीडिया का एक वर्ग बीजेपी के समर्थन में माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है, इससे साफ है कि बीजेपी दहाई के आंकड़े को पार करने के लिए संघर्ष कर रही है।
प्रशांत किशोर केवल इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने अपने ट्वीट को सेव करने की अपील करते हुए कहा कि अगर बीजेपी का प्रदर्शन इससे बेहतर रहता है तो वह इस जगह (ट्विटर) को छोड़ देंगे।
बता दें कि टीएमसी के कई कद्दावर नेताओं के पार्टी छोड़ने को लेकर सीएम ममता बनर्जी ऐक्शन मोड में आ गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ममता ने प्रशांत से नाराजगी भी जाहिर की है।
पार्टी नेताओं के बगावती सुर अपनाने के मद्देनजर ममता ने पीके को अल्टीमेटम दे दिया है। यदि वह स्थिति को नियंत्रित करने में असफल होते हैं तो खुद ममता आखिरी फैसला लेंगी।
आपको बता दें कि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक की सलाह पर ही टीएमसी ने आई पैक के साथ 400 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट का करार किया है।
सूत्र बताते हैं कि पीके की टीम ने पार्टी को कॉरपोरेट स्टाइल में चलाना शुरू कर दिया है। आवेग और भावना की राजनीति करने वाले पार्टी नेताओं को उनका यह स्टाइल रास नहीं आ रहा है।
टीएमसी के कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी सहित कई नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद पार्टी अब डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। पार्टी में आई दरार को पाटने के लिए अब खुद ममता बनर्जी को मैदान में उतरना पड़ रहा है।
टीएमसी से बगावत करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं में सबसे ज्यादा नाराजगी पीके और उनकी कंपनी आई पैक की वजह से आई है। नाराज नेताओं का कहना है कि ये लोग पार्टी को जनता के लिए नहीं बल्कि कॉरपोरेट अंदाज में चलाना चाहते हैं।
ये बंगाल की राजनीतिक रुचि के अनुरूप नहीं है। यही कारण है कि उनकी कार्यशैली से नाराज होकर नेता पार्टी से किनारा कर रहे हैं।
नेताओं और कार्यकर्ताओं की बढ़ती नाराजगी को भांपते हुए पिछले दिनों कालीघाट में हुई पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में ममता ने प्रशांत किशोर से जवाब-तलब किया।