BY- FIRE TIMES TEAM
बिहार विधानसभा चुनाव इस वर्ष के अंत में होने की संभावना है, उसी के मद्देनजर मतदान करने के लिए मतदाता सूची में लगभग दो लाख प्रवासी मजदूरों के नाम जो लॉक डाउन में वापस बिहार आ गए हैं, सूची में जोड़ लिए गए हैं।
राज्य चुनाव अधिकारियों ने कहा कि मतदाता सूची में अधिक प्रवासियों को शामिल करने के लिए जल्द ही सभी जिलों में विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे।
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एचआर श्रीनिवास, जिन्होंने सोमवार को मतदान की तैयारियों की समीक्षा की, सभी 38 जिलों के जिला मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिया कि पात्र मतदाताओं को प्राथमिकता के आधार पर उनके नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए फिर से विशेष शिविर आयोजित करें।
उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से डीएम को मतों की गिनती के लिए विशाल स्थानों की व्यवस्था करने और वोटों को सुरक्षित रखने के लिए मजबूत कमरे बनाने की सुविधा का भी निर्देश दिया।
COVID-19 महामारी के बीच चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए डीएम को बताया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों और अन्य साधनों से देश भर से 25 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर और अन्य लोग वापस बिहार लौटे थे।
उनमें से अधिकांश लंबे समय के बाद लौटे हैं और उनका नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ा जा सका। ऐसे पात्र मतदाताओं को जोड़ने के लिए अब लगभग सभी जिलों में विशेष शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
लगभग 70% पात्र वामपंथी प्रवासी मजदूरों के नाम पहले ही रोल में जोड़े जा चुके हैं। उप चुनाव अधिकारी बैजनाथ सिंह ने कहा कि ऐसे मतदाताओं के लिए और शिविर आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मतदान के दिनों में सोशल डिस्टेनसिंग सुनिश्चित करने के लिए मतदान केंद्रों की संख्या भी 72,000 से बढ़ाकर 1.06 लाख कर दी गई है।
सिंह ने कहा कि मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ने से महिला मतदान कर्मियों की संख्या मरण भी इजाफा होगा।