बिहार इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने बिहार राज्य विधानसभा 2020 से मुख्यमंत्री सहित 15 मंत्रियों में से 14 के हलफनामे का विश्लेषण किया है।
आपराधिक मामलों वाले मंत्री: 8 (57%) मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
गंभीर आपराधिक मामलों वाले मंत्री: 6 (43%) मंत्रियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
वित्तीय पृष्ठभूमि:
करोड़पति मंत्री: विश्लेषण किए गए 14 मंत्रियों में से 13 (93%) करोड़पति हैं।
औसत संपत्ति: विश्लेषण किए गए 14 मंत्रियों की औसत संपत्ति 3.93 करोड़ रुपये है।
उच्चतम संपत्ति वाले मंत्री: सबसे अधिक घोषित कुल संपत्ति वाले मंत्री मेवा लाल चौधरी तारापुर निर्वाचन क्षेत्र से हैं जिनकी संपत्ति 12.31 करोड़ रुपये है।
सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री: सबसे कम घोषित कुल संपत्ति वाले मंत्री अशोक चौधरी बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य हैं जिनकी संपत्ति 72.89 लाख रुपए की है।
कुल 8 मंत्रियों ने देनदारियों की घोषणा की है, जिसमें से सबसे ज्यादा सिमरी बख्तियारपुर के मुकेश सहानी की हैं। कुल मिलाकर 1.54 करोड़ रुपए की देनदारियां।
अन्य पृष्ठभूमि विवरण (शिक्षा, लिंग, आयु):
मंत्रियों की शिक्षा: 4 (29%) मंत्रियों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 8 वीं और 12 वीं कक्षा के बीच होने की घोषणा की है जबकि 10 (71%) मंत्रियों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता होने की घोषणा की है।
मंत्रियों की आयु: कुल 6 (43%) मंत्रियों ने अपनी उम्र को फर्मवेयर वर्षों के बीच घोषित किया है, जबकि 8 (57%) मंत्रियों ने अपनी आयु 51- 75 वर्ष के बीच होने की घोषणा की है।
महिला मंत्री: 14 मंत्रियों में से 2 महिलाएँ हैं।