बिहार चुनाव इस साल के नवंबर तक होने की उम्मीद है। पार्टिययों ने अभी से जोर कसना शुरू कर दिया है। इन पार्टियों में सबसे ऊपर भारतीय जनता पार्टी है। 7 जून को गृह मंत्री अमित शाह ने एक वर्चुअल रैली भी कर डाली।
इस ऑनलाइन रैली के माध्यम से उन्होंने ज्यादातर फोकस बिहार पर ही किया। इसके साथ उन्होंने पूर्वी भारत का भी जिक्र किया। पूर्वी भारत के पिछड़े होने के लिए उन्होंने पुरानी सरकारों को जिम्मेदार बताया।
शाह ने कहा आज़ादी के समय जीडीपी में पूर्वी भारत का योगदान ज्यादा होता था परंतु आज़ादी के बाद से जिस प्रकार से सरकारें चली उन्होंने पूर्वी भारत के विकास से मुंह मोड़ लिया।
शाह ने कहा, ‘मोदी जी ने छह साल के अंदर करोडों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का एक प्रयास किया है, जिसका सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वो मेरे पूर्वी भारत के लोगों का हुआ है।’
गृह मंत्री अमित शाह की इस रैली को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के साथ जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन उन्होंने कहा कि इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है।
अब सवाल यह भी है कि जब बिहार चुनाव नजदीक है तब ही क्यों इस प्रकार की रैली की जा रही है। कोरोना संकट के समय जनता की प्राथमिकता क्या होनी चाहिए?
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