BY – FIRE TIMES TEAM
शुक्रवार को बाम्बे हाईकोर्ट ने सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका खारिज कर दी। सुधा भारद्वाज सामाजिक कार्यकर्ता और वकील हैं जो साल 2018 में 1 जनवरी को भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार होने वाले 11 लोगों में से एक हैं। इन सभी को माओवादियों से सांठगांठ और कोरेगांव हिंसा को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
आपको बता दें कि कोविड-19 महामारी की वजह से बीमारी का खतरा होने का हवाला देते हुए सुधा भारद्वाज ने बाम्बे हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि राज्य सरकार जेल में बीमारी से सुरक्षा का पर्याप्त इन्तजाम करेगा।
इससे पहले भी सुधा भारद्वाज ने NIA की स्पेशल कोर्ट में कोरोना महामारी के मद्देनजर जमानत की अपील की थी, जिसे NIA ने भी खारिज कर दिया था। फिलहाल सुधा भारद्वाज मुंबई के बाईकुला जेल में बंद हैं।
सुधा भारद्वाज की वकील रागिनी आहूजा ने कोर्ट को बताया कि 23 जुलाई और 21 अगस्त की मेडिकल रिपोर्टों में काफी विरोधाभास है। जुलाई की रिपोर्ट्स में सुधा को दिल की बीमारी के साथ-2 डाईबिटीज की खतरनाक समस्या हो गई थी। लेकिन अगस्त की रिपोर्ट में एकदम सामान्य हालत होना संदेह पैदा करता है।
बुधवार को सुधा भारद्वाज की बेटी मायशा ने भी अपनी मां की सेहत को लेकर चिंता व्यक्त किया था। मायशा के अनुसार गिरफ्तारी से पहले सुधा को कोई समस्या नहीं थी। लेकिन अब कोरोना की चिंता के साथ-2 हार्ट इश्कीमिया जैसी समस्या शुरू हो गई है, और खतरनाक भी हो रही है।
NIA के एडीशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पब्लिक प्रॉसिक्यूटर दीपक ठाकरे ने कोर्ट को बताया कि यदि सुधा भारद्वाज को मेडिकल की जरूरत पड़ती है तो उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया जायेगा।
और यदि प्राइवेट हॉस्पिटल की भी जरूरत महसूस होती है तो वो भी मुहैया कराया जायेगा। इससे पहले भी सुधा के सह-आरोपी वारावर राव को जेजे हॉस्पिटल से नानावटी हॉस्पिटल में शिफ्ट कराया जा चुका है।
डिवीजन बेन्च की R D Dhanuka और V G Bisht ने बाईकुला जेल में मेडिकल सुरक्षा के आधार पर जमानत देने से इन्कार कर दिया।