संसद द्वारा पारित कृषि विधेयकों के बाद से किसान संगठन देशभर में विरोध कर रहे हैं और अब 25 सितंबर यानी आज के दिन देशभर में चक्का जाम कर दिया है।
करोडों किसान सड़क पर हैं। भूखे, प्यासे मोदी सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं लेकिन वह टीवी चैनल की स्क्रीन पर कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं।
बड़े-बड़े टीवी चैनल दीपिका पर डिबेट कर रहे हैं, बिहार चुनाव पर बात कर रहे हैं लेकिन किसानों के मुद्दे पर अपनी आंखें बंद कर ली हैं।
ये वही चैनल हैं जो दो महीने से सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर खूब हो हल्ला कर रहे हैं। हर रोज बेवजह की डिबेट करा कर यह सिर्फ जनता का ध्यान भटकाने का काम करते हैं।
सुशांत के बाथरूम तक में घुसने वाले यह कथित पत्रकार आज सड़क पर बैठे किसानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। अब इन पत्रकारों का न तो माइक काम कर रहा है और न ही कैमरा।
किसान संगठनों का कहना ही कि नए कानून कृषि क्षेत्र को कॉरपोरेट के हाथों में सौंपने की कोशिश है लेकिन टीवी चैनल उनके इस मुद्दे को नहीं उठा रहे हैं।
किसानों का सबसे बड़ा प्रदर्शन पंजाब और हरियाण में हो रहा है। पंजाब में रेलवे लाइन तक को बंद कर दिया गया। हरियाण में स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव भी इन आंदोलनों में अपनी हिस्सेदारी दे रहे हैं।
कई राजनीतिक पार्टियों ने भी इस आंदोलन में भाग लिया है जिसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी शामिल हैं। बावजूद इसके चैनल पर इनको तवज्जो नहीं मिली।
कुछ लोगों का यह भी मानना है कि दीपिका पादुकोण से एनसीबी की पूछताछ महज एक संयोग नहीं बल्कि प्रयोग है। इसके कारण किसानों के प्रदर्शन को न्यूज़चैनल के टीवी स्क्रीन से हटाना है।
आपातकाल के समय का एक किस्सा है। उस समय जनता पार्टी की देश में लहर चल रही थी। रामलीला में जनता पार्टी द्वारा एक रैली का आहवान किया गया। उस समय के सूचना प्रसारण मंत्री वीसी शुक्ल थे और उन्होंने इस रैली को फ्लॉप करने की एक चाल चली।
वीसी शुक्ल ने रैली से ठीक पहले ऐलान किया कि लोगों को दूरदर्शन पर एक सुपरहिट फिल्म बॉबी दिखाई जाएगी। हालांकि उनका यह दांव फेल हो गया और जनता ने बढ़कर चढ़कर रामलीला मैदान में पहुंच कर रैली में हिस्सा लिया।
कुछ ऐसा ही अब मोदी सरकार कर रही है। पहले दीपिका पादुकोण से पूछताछ और फिर किसान आंदोलन के दिन बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान।