पिछले दिनों शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी समेत दो लोगों पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया था। यह एफआईआर वक्फ बोर्ड की जमीनों में फर्जीवाड़ा करने के कारण की गई थी।
और अब समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व काबीना मंत्री आजम खान की भी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। आजम के खिलाफ ईडी की जांंच के बाद सीबीआई भी उन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।
राज्य सरकार की सिफारिश पर शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड की जांच कर रही सीबीआई को पुख्ता प्रमाण मिले हैं कि आजम खान ने मंत्री रहते हुए निजी फायदे के लिए दोनों वक्फ बोर्ड का दुरूपयोग किया था।
जानकारी के मुताबिक रामपुर में यतीमखाना, ईदगाह समेत वक्फ की कई सम्पत्तियों को आजम और उनकी पत्नी और कारोबारियों को 1 रूपये की सालाना लीज पर 30 साल के लिए आवंटित कर दिया गया। इस मामले में सीबीआई जल्द ही केस दर्ज करेगी। और वसीम रिजवी को भी नोटिस जारी करेगी।
इसके अलांवा प्रयागराज के इमामबाड़े को गिराकर काम्पलेक्स बनाने को लेकर सीबीआई ने 20 नवंबर को केस दर्ज कर लिया है। इस केस में शिया वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष वसीम रिजवी के साथ तत्कालीन वक्फ मंत्री आजम खान की भूमिका भी जांच के दायरे में आ चुकी है।
आजम खान के खिलाफ जांच कर रही ईडी रामपुर स्थित जौहर यूनिवर्सिटी को अटैच करने की तैयारी है। ई़डी के सीनियर अफसरों के मुताबिक, शिया वक्फ बोर्ड के बैंंक खातों में बड़े पैमाने पर नकदी जमा करने के बाद उसे जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के खातों में अनुदान के नाम पर जमा कराया गया।
यह रकम कैसे हासिल की गई इसकी पड़ताल की जा रही है। इसके अलांवा जौहर यूनिवर्सिटी के वैल्यूएशन का कार्य शुरू हो चुका है। वैल्यूएशन होने के बाद आजम खान से पूछताछ होगी। इसके बाद यूनिवर्सिटी को जांंच एजेंसी से अटैच कर दिया जायेगा।