BY- FIRE TIMES TEAM
राजीव यादव, 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ के निजामाबाद निर्वाचन क्षेत्र से आंदोलनकारी समूहों के साझा उम्मीदवार हैं। पिछले 17 वर्षों से राजीव लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से संघर्षरत हैं, खासतौर से हाशिए पर रहने वाले- अल्पसंख्यकों, दलितों, पिछड़ों, महिलाओं और गरीबों के लिए आवाज उठा रहे हैं।
सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में जेल गए एडवोकेट मुहम्मद शुऐब रिहाई मंच के अध्यक्ष हैं और राजीव महासचिव हैं। 2007 के बाटला हाउस मुठभेड़ के बाद, कई मुस्लिम युवकों को पुलिस ने उठाया, गिरफ्तार किया, झूठे आरोप लगाए और वर्षों से जेल में रखा है। रिहाई मंच ने कई लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करने और झूठे आरोपों से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस मंच ने योगी सरकार की ‘ठोक दो’ नीति के तहत बेकसूर दलित-पिछड़ें-मुस्लिम युवकों को पुलिस द्वारा फर्जी केसों में गिरफ्तार करने या मुठभेड़ में मार डालने के खिलाफ भी कानूनी और राजनैतिक लड़ाई लड़ी है। योगी आदित्यनाथ की साम्प्रदायिक राजनीति के खिलाफ राजीव न्यायालय भी गए और सैफरन वॉर नाम की डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म भी बनाई।
राजीव ने बार-बार फर्जी पुलिस मुठभेड़ों, गैरकानूनी हत्याओं, दलित छात्र-छात्रों के खिलाफ अत्याचार, सांप्रदायिक राजनीति का सक्रिय रूप से मुकाबला किया है। वह एससी-एसटी एक्ट को खत्म करने के खिलाफ जनआंदोलन, जातिगत जनगणना की मांग और कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष में उत्तर प्रदेश की एक मुखर आवाज हैं। इसकी वजह से उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कई कानूनी और शारीरिक हमलों का सामना करना पड़ा है। कोरोना महामारी के दौरान जब सरकारी सिस्टम ध्वस्त हो गया था, तब राजीव पलायन कर रहे लोगों के लिए दिन-रात सड़कों पर मौजूद रहे।
राजीव ने आम जनता की मदद से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। आप सभी से अपील है कि इस चुनाव अभियान में राजीव यादव की आर्थिक मदद करें। उत्तर प्रदेश विधानसभा में अपना प्रतिनिधी भेजें, जो सभी तरह से सताए-शोषित लोगों की आवाज उठा सके। आपसे इस अपील को ज्यादा से ज्यादा साथियों के साथ साझा करने की गुजारिश है।
आप निम्न तरीकों से आर्थिक मदद कर सकते हैं
PayTm, GooglePay, Phone Pay: 9452800752