BY- FIRE TIMES TEAM
देश के एयरपोर्ट की सुरक्षा को अब कैसे प्रबंधित किया जायेगा इसमें एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए, सरकार ने हवाईअड्डा ऑपरेटरों (निजी और सरकारी दोनों) को हवाई अड्डों पर प्राइवेट सुरक्षा गार्ड तैनात करने की अनुमति दे दी है।
2002 में हुई कंधार अपहरण की घटना के बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को एयरपोर्ट्स की सुरक्षा की सुरक्षा की जिम्मेदारी दे दी गई थी, जिसके बाद यह पहली बार हुआ है कि हवाई अड्डों में निजी सुरक्षा की अनुमति दी गई है।
उड्डयन सुरक्षा के लिए जिम्मेदार नोडल एजेंसी ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) द्वारा जारी एक निर्देश में, हवाई अड्डों पर पांच गैर-प्रमुख (नॉन-कोर) क्षेत्रों में सुरक्षा के काम को आउटसोर्स करने की अनुमति दी है, जिसमें एयरपोर्ट के गेट पर यात्रियों को अलग करना, कतार प्रबंधन, बोर्डिंग काउंटर के सामने, बैगेज कंट्रोल, कार्गो एरिया और विजिटर्स गैलरी की सुरक्षा शामिल हैं।
यह कदम केंद्र द्वारा यह महसूस किए जाने के बाद उठाया गया है कि सीआईएसएफ की ताकत हवाई यातायात में बढ़ती वृद्धि को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। वर्तमान में, 118 संचालित एयरपोर्ट में से 64 सीआईएसएफ सुरक्षा समूह द्वारा संचालित हैं। बाकी राज्य पुलिस या इंडिया रिजर्व बटालियन के पास हैं।
केंद्र के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 30,003 जवानों की आवश्यकता हवाईअड्डों की सुरक्षा के लिए है, जिसके मुकाबले सीआईएसएफ के पास 29,399 सुरक्षाकर्मी है। इसलिए मैनपावर की कमी को पूरा करने के लिए नियम में ढील दी गई है।
केंद्र की क्षेत्रीय संपर्क योजना द्वारा संचालित भारत के विमानन नेटवर्क में शामिल होने वाले प्रमुख मेट्रो एयरपोर्ट और कई नए हवाई अड्डों में यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ, निजी सुरक्षा गार्डों की तैनाती से सीआईएसएफ पर बोझ कम होगा।
जयदीप प्रसाद, संयुक्त महानिदेशक, बीसीएएस ने कहा, “निजी सुरक्षा एजेंसी को एयरपोर्ट के गैर-प्रमुख या गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में अनुमति दी गई है। सीआईएसएफ के साथ, अगर निजी सुरक्षा गार्ड भी तैनात किए जाते हैं, तो इससे हवाई अड्डे की सुरक्षा की प्रभावशीलता और गुणवत्ता में वृद्धि होगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि निजी गार्ड्स को सीआईएसफ द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा और इनकी तैनाती नॉन कोर एरिया में की जाएगी। वहीं कोर एरिया की सुरक्षा सीआईएसएफ द्वारा की जाएगी।
कई निजी एयरपोर्ट ने पहले ही निजी सुरक्षा गार्डों की तैनाती शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्टों ने दावा किया था कि निजी सुरक्षा गार्डों ने गुवाहाटी हवाई अड्डे के अंदर ‘गैर-प्रमुख सुरक्षा पदों’ पर सीआईएसएफ कर्मियों को बदल दिया था। अडानी ग्रुप द्वारा हवाई अड्डे के अधिग्रहण के एक साल के भीतर यह बदलाव किया गया था।
अडानी एयरपोर्ट के प्रवक्ता ने कहा, “निजी सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती सुरक्षा के गैर-प्रमुख क्षेत्रों को कवर करती है और तैनात व्यक्ति सीआईएसएफ के नियंत्रण में बने रहते हैं। एयरपोर्ट संचालक का उन पर कोई नियंत्रण नहीं होता है। उन्हें सीआईएसएफ द्वारा नौकरी पर प्रशिक्षण देने के बाद तैनात किया गया है।”
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