कोरोना वैक्सीन कितना कारगर होगा यह अब भी चर्चा का विषय बना हुआ। दुनिया के कई देश अपने यहाँ कोरोना का टीका लगवा रहे हैं। इसमें इजरायल और बहरीन जैसे देश में प्रतिशत काफी ज्यादा है।
अब इसको लेकर एक बुरी खबर आ रही है। दरअसल मैक्सिको में एक महिला डॉक्टर को फाइज़र की कोरोना वैक्सीन लगाई गई। जिसके बाद महिला डॉक्टर की तबियत गंभीर रुप से बिगड़ गई, जिसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा।
इस मामले को लेकर मैक्सिको के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैक्सिको की एक 32 वर्षीय महिला डॉक्टर को दवा निर्माता कंपनी फाइज़र की कोरोना की वैक्सीन लगाई गई थी।
वैक्सीन लगाने के आधे घंटे के अंदर ही उनके शरीर में चकत्ते पड़ने, ऐंठन, शरीर में कमजोरी और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। मामला गंभीर होने के बाद महिला डॉक्टर को आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा।
अब डॉक्टर को हुई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में इंसेफैलोमाईलिटिस की जानकारी मिली है। डॉक्टर की हालत स्थिर है और उसका इलाज फिलहाल जारी है।
बताया जा रहा है कि डॉक्टर को कुछ दवाईयों से अलर्जी संबंधी परेशानी पहले भी रही है। इस एलर्जी की वजह से लोगों के शरीर पर धारियां पड़ जाती हैं और कई बार मौत भी हो जाती है।
आपको बता दें कि मैक्सिको में कोरोना के कारण अब तक 1.26 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसा नहीं है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर ये पहली बुरी ख़बर है। इससे पहले भी कई ऐसी खबरें आ चुकी हैं।
हरियाणा सरकार में मंत्री ने टीका लगवाया था लेकिन बाद में वह भी कोरोना पॉजिटिव निकले। केवल इतना ही नहीं कई देश अपनी-अपनी वैक्सीन की गुणवत्ता तो सही बता रहे हैं लेकिन दूसरे को शक की नजर से देख रहे हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा निर्मित वैक्सीन 29 जून को ह्यूमन ट्रायल शुरू करने के समय से ही कई बार विवादों में रही है और आपातकालीन इस्तेमाल की सिफारिश इसमें नवीनतम है।