बाबरी मस्जिद विध्वंस को करीब 27 साल हो चुके हैं। एक पीढ़ी बच्चे से युवा हो चुकी है और एक पीढ़ी जवानी से अपने जीवन के अंतिम पायदान पर पहुंच चुकी है।
अब आज यानी 30 सितंबर को इसपर फैसला आ रहा है। सभी की निगाहें आडवाणी, जोशी और उमा भारती पर टिकी हुईं हैं। लखनऊ स्थित सीबीआई कोर्ट इसपर अंतिम फैसला देगी।
सभी 32 आरोपों में से लगभग सभी के उपस्थित होने की संभावना है। हालांकि आडवाणी, जोशी और उमा भारती के शामिल होने पर अभी संदेह है।
एक तो ये तीनों मुख्य आरोपी बनाये गए हैं और ऊपर से सभी की उम्र काफी ज्यादा है। यही कारण है कि हो सकता है कोरोना के कारण यह शामिल न हों।
उधर उमा भारती सोमवार को कोरोना पॉजिटिव आई हैं जिससे यह और उम्मीद हो जाती है कि वह सीबीआई कोर्ट के सामने उपस्थित नहीं होंगी।
मैं अभी-अभी एम्स ऋषिकेश में भर्ती हो गई हूं। इसके तीन कारण है- (1) @drharshvardhan जी बहुत चिंता कर रहे हैं,
(2) मेरे को रात में बुखार बढ़ गया,
(3) मेरी एम्स में जांच-पड़ताल होने के बाद यदि मुझे सकारात्मक रिपोर्ट मिली तो मैं परसों लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में पेश होना चाहती हूं।— Uma Bharti (@umasribharti) September 28, 2020
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अन्य आरोपियों में फैज़ाबाद से सांसद रहे विनय कटियार, विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय, मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया जैसे नाम कोर्ट के सामने पेस होंगे।
आपको बता दूं कि पिछले साल रामजन्मभूमि के टाइटल सूट को लेकर फैसला सुनाया गया और अब राम मंदिर का निर्माण भी शुरू हो चुका है।
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अब तक 16 अरोप की मौत हो चुकी है। जिन लोगों पर केस चल रहा है उनपर यह आरोप है कि उन्होंने साजिश रची और कारसेवकों को ढांचा गिराने के लिए उकसाया।