BY – FIRE TIMES TEAM
आरबीआई ने कोरोना संकट के कारण कर्ज अदायगी पर ऋण स्थगन (मोराटोरियम) को 3 महीने के लिए अगस्त तक बढ़ा दिया है, जिससे कर्जदारों को राहत मिल सके। इसकी जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से दिया।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण ग्लोबल इकोनॉमी पर गहरा असर पड़ा है, ग्लोबल सर्विसेज पीएमआई में अबतक के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
बिजनेस और मैन्यूफैक्चरिंग माहौल का पता लगाने के लिए अक्सर पीएमआई ( परचेजिंग मैनेजर्स इन्डेक्स ) का प्रयोग किया जाता है। पीएमआई हर महीने जारी होता है जो आपरेशनल एक्टीविटी को जाहिर करता है। 50 फीसदी से ऊपर पीएमआई अच्छा माना जाता है।
लेकिन मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई अप्रैल महीने में 27.4 फीसद रही और सर्विसेज पीएमआई 5.4 फीसद।
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आपको बता दें कि इससे पहले मार्च से 31 मई 2020 के बीच की सभी सावधि ऋण के भुगतान पर आरबीआई ने 3 महीने की छूट दी थी। इसके साथ ही इस तरह के सभी ऋणों की अदायगी को तीन महीने आगे बढ़ा दिया गया था।
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कोविड-19 के कारण उपजे आर्थिक संकट को कम करने के लिए प्रमुख उधारी दर ( रेपो रेट ) को 0.40 प्रतिशत कम कर दिया है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अचानक हुई बैठक में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में कटौती का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया।एमसीपी के 6 सदस्यों मे से 5 सदस्य रेपो रेट घटाने के लिए सहमत हुए। इस कटौती के बाद रेपो रेट घटकर 4 प्रतिशत हो गई, जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत हो गई है।