BY- FIRE TIMES TEAM
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के एक पुलिस स्टेशन में अवैध रूप से हिरासत में लिए गए एक 19 वर्षीय दलित व्यक्ति की रविवार सुबह हिरासत में मौत हो गई।
शख्स के परिवार ने आरोप लगाया कि उसे पुलिस ने प्रताड़ित किया था, एक ऐसा दावा, जिसकी पुलिस ने पुष्टि नहीं की है।
मोटरसाइकिल चोरी के पीछे एक गिरोह से संबंध रखने के संदेह में मोनू के रूप में पहचाने जाने वाले व्यक्ति (जिसे मोहित के रूप में भी जाना जाता है) को शुक्रवार को जिले के लालगंज इलाके से हिरासत में लिया गया था।
रायबरेली के पुलिस प्रमुख स्वप्निल ममगाईं ने कहा कि मोनू को शनिवार शाम को पेट में दर्द की शिकायत हुई थी और उसे स्थानीय चिकित्सक के पास ले जाया गया और दवा दी गई।
उन्होंने बताया कि वह रविवार की सुबह बीमार पड़ गए और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने निमोनिया और ऑक्सीजन के स्तर में कमी के लक्षण प्रदर्शित किए। रविवार सुबह करीब 11 बजे उनका निधन हो गया।
पुलिस ने दावा किया कि उसे कोई शारीरिक चोट नहीं थी।
ममगाईं ने बताया, “हम पोस्टमार्टम का वीडियो रिकॉर्ड करवा रहे हैं और परिवार ने दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दी है और हम इसकी की जांच कर रहे हैं।”
उन्होंने बताया, “प्रथम दृष्टया हमने पाया है कि आरोपियों को 24 घंटे से अधिक समय तक पुलिस थाने में अवैध हिरासत में रखा गया था और हमने थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया है क्योंकि उन्हें अभियुक्तों को अवैध रूप से दो दिनों से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रखना चाहिए था।”
मोनू और चार अन्य को अवैध रूप से 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया था।
मृतक के भाई सोनू ने दावा किया कि उसे भी हिरासत में लिया गया था, और कहा कि मोनू को पुलिस स्टेशन में बुरी तरह से पीटा गया था। बाद में सोनू को छोड़ दिया गया।
मृतक के परिवार ने रविवार शाम को पुलिस स्टेशन के बाहर स्थानीय लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया।
इस बीच, जिला प्रशासन ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए। ममगाईं ने अधिकारियों को विभागीय जांच करने का भी निर्देश दिया है।