बेरोजगारी को लेकर समय-समय कई डेटा सामने आते रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने रोजगार की खूब चर्चा की थी जब वह 2014 के चुनाव की तैयारी कर रहे थे। लेकिन 2014 से लेकर 2022 तक बेरोजगारी दूर करने में कहीं न कहीं सरकार फेल हुई है।
आंकड़ों पर जब आप नजर डालेंगे तो देखेंगे कि जब लोगों को रोजगार की आवश्यकता है तब देश के लोगों की नौकरियां हाथ से जा रही हैं। कोरोना के बाद लगातार लोग अपनी नौकरी के खतरे को झेल रहे हैं।
रोजगार के मसले पर भजपा से सांसद वरुण गांधी ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि,
स्टार्टअप्स भारत में संघर्ष कर रहे है। 6 महीनों में 11000 युवाओं ने नौकरियाँ खोयी हैं, साल खत्म होते-होते यह आँकड़ा 60000 पार कर सकता है। यूनिकॉर्न कंपनियों का मानना है कि अगले 2 वर्ष चुनौतीपूर्ण हैं। युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा और वित्तीय नीतियों में सुधार आज वक्त की माँग है।
आपको बता दें कि रोजगार को लेकर जून में एक डाटा आया है इसमें कहा गया है कि बहुत से लोगों की नौकरी हाथ से चली गई। साथ ही यह भी कहा गया है कि आने वाले समय में भी परेशान करने वाले आंकड़े सामने आ सकते हैं।